बुधवार सुबह साढ़े चार बजे 80 मीडियम रेजिमेंट की बैरकों में सो रहे चार जवानों की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में थाना कैंट पुलिस ने रेजिमेंट के मेजर शुक्ला की शिकायत पर दो अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
बठिंडा सैन्य छावनी में बुधवार तड़के साढ़े चार बजे 80 मीडियम रेजिमेंट के चार जवानों की हत्या के मामले में तीन दिन बाद भी पुलिस व सेना के हाथ कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस व सेना की संयुक्त टीमें हमलावरों की तलाश कर रही हैं।
इस बीच बेहद पेचीदा बन चुके इस मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए दिल्ली से भी सेना के अधिकारियों की टीम बठिंडा कैंट पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया है। घटना का क्राइम सीन रिक्रिएट कर यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि फायरिंग करने के बाद हमलावर किस दिशा में भागकर छिप सकते हैं।
पुलिस व सेना की जांच टीम अभी तक यही मानकर चल रही है कि उक्त वारदात को कैंट के अंदर रहने वाले लोगों में से ही किसी ने अंजाम दिया है। सेना की तरफ से बठिंडा कैंट में तैनात विभिन्न रेजीमेंट और बटालियनों के फौजियों और उनके परिवारों वालों की गिनती की जा रही है, ताकि पता चल सके कि वारदात के बाद कोई जवान या उसके परिवार वाले गायब तो नहीं हैं। इसके अलावा सेना के अधिकारी इस मामले को आपसी रंजिश मानकर भी जांच कर रहे हैं।
जान गंवाने वाले जवानों का पिछले कुछ दिनों में किसी के साथ झगड़ा होने के एंगल से भी जांच की जा रही है। इसके लिए उनके साथ तैनात जवानों से पूछताछ की जा रही है। दूसरी तरफ मृतक जवानों के शरीर पर किसी भी तेजधार हथियार से चोट के निशान न मिलने से मामला उलझ गया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि हमलावर दो थे और एक के हाथ में रिवॉल्वर और एक के हाथ में कुल्हड़ी जैसा तेजधार हथियार था। जांच टीम चश्मदीदों से दोबारा पूछताछ कर रही है।