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15 मिनट में पता लगायें-कोरोना है कि नहीं, मायलैब की सेल्फ टेस्ट किट को मिली मान्यता..

 आत्मनिर्भर भारत ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कोविड जांचने की किट बना ली है. इस किट के ज़रिये लोग अब घर में खुद ही नाक से सैंपल लेकर पता कर पाएंगे कि वो कोविड पॉजिटिव हैं या नेगेटिव. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोविसेल्फ नाम की इस किट को मान्यता दे दी है. इस किट को पुणे की मॉलिक्यूलर कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन्स ने विकसित किया है.

कैसे मददगार साबित होगी किट?

इस किट से महज़ 15 मिनिट में नेगेटिव या पॉजिटिव होने का पता चल सकेगा, जिससे वक्त रहते मरीज का इलाज शुरू होगा और संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकेगा. खुद से जांचने वाली किट को सबसे पहले यूएस में पिछले नवंबर को अनुमति दी गई थी. लुसिरा हेल्थ की तुरंत परिणाम देने वाली जांच किट को आपातकाल के दौरान इस्तेमाल के लिए अनुमति दी गई थी. आगे चलकर यूरोप और दक्षिण कोरिया में भी इसे अनुमति दी गई.

क्या है किट में?

कोविसेल्फ नाम की किट जिसे पुणे की मॉलिक्यूलर कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन ने विकसित किया है. रैपिड एंटीजन टेस्ट की तरह इस्तेमाल होती है जिसकी रिपोर्ट महज़ 15 मिनट में मिल जाती है. इसके लिए वायरस की जांच के लिए नाक से स्वैब लिया जाता है. जांच की प्रक्रिया पूरी होने में दो मिनट से ज्यादा वक्त नहीं लगता है. इस किट की कीमत 250 रुपये रखी गई है. वहीं, इसकी तुलना में आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत 400-1500 रुपये है और अगर एंटीजन टेस्ट के लिए लैब में जाते हैं तो उसके लिए 300-900 रुपये खर्च करने होते हैं. ये कीमत अलग अलग राज्यों में अलग अलग हैं. ये किट अगले हफ्ते तक बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगी.

जांच करने का तरीका

किट एक पहले से भरी हुई संकर्षण नली यानि एक्सट्रेक्शन ट्यूब, स्टराइल नेजल स्वाब ( जिसे नाक के अंदर डाल कर सैंपल लिया जाता है), एक जांच कार्ड और बायोहेज़ार्ड बैग ( जिसमें रख कर जांच के बाद सामान को सुरक्षित तौर पर कचरापेटी में डाला जा सके) शामिल होता है. सबसे पहले अपने फोन पर कोविसेल्फ ऐप डाउनलोड कर के उसमें अपनी जानकारी डालनी होती है. ऐप तमाम डेटा को सुरक्षित तरीके से आईसीएमआर के पोर्टल से जोड़ देगा, जहां सारी सरकारी जांच मौजूद रहती हैं.

जांच शुरू करने से पहले अपने हाथों को और जहां टेस्ट किट रखनी है उस जगह को साफ करना होता है. इसके बाद स्वाब को अपनी नाक में 2-4 सेमी अंदर ले जाना होता है जब तक ये आपके नॉस्ट्रिल की पिछली दीवार को ना छू जाए, वहां पर इसे रगड़ कर सैंपल लेना होता है. इसके बाद स्वाब को एक्सट्रेक्शन ट्यूब में पहले से भरे तरल में घुमाया जाता है. ट्यूब को अच्छे से बंद कर दिया जाता है. इसके बाद ट्यूब में से तरल निकलने वाली जगह से दो बूंद टेस्टिंग कार्ड पर गिरा दी जाती है. 15 मिनट के अंदर परिणाम सामने आ जाता है.

अगर कोई पॉजिटिव है तो टेस्टिंग कार्ड पर दो लकीरें उभरेंगी और अगर वो नेगेटिव है तो एक ही लकीर उभरती है. अगर परिणाम आने में 20 मिनट से ज्यादा लगते हैं या लकीर नहीं उभरती है तो इसका मतलब जांच ठीक से नहीं हुई है. इसके बाद जांच से जुड़ी सभी चीज़ों को एक बायोहेजार्ड बैग में डालकर बायोमेडिकल वेस्ट में डाल दिया जाता है.

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