Black Fungus: आंख-नाक-जबड़े पर ब्लैक फंगस का हमला, शुगर की अनदेखी पड़ रही है भारी, पंजाब में अब तक 27 केसों की पुष्टि, 7 की रिपोर्ट आनी बाकी

0
610

कोरोना से रिकवर हुए मरीज अपने स्तर पर स्टेरॉयड जारी रखना, ब्लड शुगर लेवल पर नजर न रखना, प्री-डायबीटिक होने पर शुगर लेवल को अनदेखा करना अब घातक साबित होता जा रहा है। इन मरीजों में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। 

कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है| इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती है| पंजाब में अब तक 27 केसों की पुष्टि हो चुकी है अौर 7 की रिपोर्ट आनी बाकी है। 27 में से 26 केस लुधियाना में मिले हैं और 1 केस बठिंडा का है। बठिंडा में 7 संदिग्ध केसों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इनमें से 80 फीसदी तक केस ऐसे हैं, जो देरी से पहुंचे हैं और जिन्हें ऑपरेशन की जरूरत पड़ी है। वहीं, गांवों के इलाकों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं।

फंगस नाक से गले के रास्ते होकर फेफड़ों में पहुंचने पर खांसी के साथ आ रहा खून

डीएमसी के ईएनटी विभाग के हेड डॉ. मुनीश मुंजाल ने बताया कि ये फंगस जहां हमला करती है, वहां पर खून की सप्लाई खत्म करती है। नाक से शुरू होकर आंख के पीछे हमला करती है। आंखों की रोशनी कम होती है। आंख की गति पर असर या आंख बाहर की भी तरफ निकलने लगती है। अगर नाक से गले के रास्ते होते हुए फेफड़ों में जाए तो खांसी में खून आता है। इससे बचने के लिए चाहिए कि स्टेरॉयड डॉक्टर की सलाह पर ही लें।

किन लोगों को खतरा

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, कुछ खास कंडीशन में ही कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस का खतरा बढ़ता है. अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहना, किसी अन्य बीमारी का होना, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट, कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी (गंभीर फंगल इंफेक्शन का इलाज) के मामले में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान:

  1.  नाक में ड्राइनेस न होने दें, ऑक्सीजन ले रहे हैं तो पानी पीते रहें, ताकि हाइड्रेशन रहे, इनहेलर के बाद कुल्ला जरूर करें।

2. एम्फोटेरिसेन-बी का इंजेक्शन खुद न लें

हमारे पास ब्लैक फंगस का एक मरीज तो ऐसा भी आ चुका है जो कोविड-19 पॉजिटिव था और आईसीयू में एडमिट था। रिपोर्ट मिलने पर हमें तुरंत एमरजेंसी में उसका ऑपरेशन करना पड़ा। मरीज एम्फोटेरिसेन-बी का इंजेक्शन भी खुद न लें ये किडनी को डैमेज करता है।