कोरोना वायरस के चलते फैले संक्रमण ने भारत के साथ पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. कोरोना संक्रमितों में मिल रहे अन्य बीमारियों के लक्षण डॉक्टरों और मरीजों दोनों की परेशानियां बढ़ा रहे हैं.
अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस की शिकायत मिलने की बात सामने आई थी, लेकिन अब कोरोना मरीजों में व्हाइट फंगस की समस्या भी पाई गई है. पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना के 4 मरीजों में व्हाइट फंगस मिलने की पुष्टि हुई है.
पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर एसएन सिंह ने कोरोना मरीजों में व्हाइट फंगस मिलने की पुष्टि की है. उनके मुताबिक यह फंगस मरीजों की त्वचा या स्किन को नुकसान पहुंचा रहा है. व्हाइट फंगस की देरी से पहचान होने पर जान भी जाने का खतरा रहता है. उन्होंने कोविड और पोस्ट कोविड मरीजों से व्हाइट फंगस की समस्या को गंभीरता से लेने की अपील की है.
दिल्ली में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या
पिछले 24 घंटे में 3846 कोरोना के नए मामले दर्ज होने के साथ 235 मरीजों की मौत हुई है. यही नहीं, 5 अप्रैल के बाद से पहली बार कोरोना संक्रमण के सबसे कम मामले सामने आए हैं. यही नहीं, पॉजिटिविटी रेट घटकर 5.78 फीसदी पर आ गया है. हालांकि ब्लैक फंगस ने दिल्ली सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. ब्लैक फंगस के इस समय दिल्ली में 185 मामले हैं, जो कि अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ केंद्र सरकार का भी टेंशन बढ़ा रहे हैं.
बता दें कि ब्लैक फंगस के मरीज दिल्ली के सात अस्पतालों में भर्ती हैं, लेकिन इलाज की सुविधा नहीं होने के कारण वह इन मरीजों को दिल्ली एम्स जैसे बड़े अस्पतालों में भेज रहे हैं. इस समय दिल्ली एम्स में 61 और सर गंगाराम अस्पताल में ब्लैक फंगस के 69 मरीजों को इलाज चल रहा है.