देश के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। हिमाचल प्रदेश, केरल और राजस्थान ने सोमवार को सैकड़ों पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू (Bird Flu) होने की पुष्टि की, इसके अलावा पंजाब, मध्य प्रदेश और झारखंड सहित कई अन्य राज्य भी इस बीमारी को लेकर सचेत हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मशाला में वनों की मुख्य संरक्षक उपासना पटियाल ने सोमवार को इसकी पुष्टि और बताया कि सोमवार तक हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पोंग डैम जलाशय क्षेत्र में 2300 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है और इन सभी की मौत का करण एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian flu) है। इसको देखते हुए एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने कांगड़ा जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उप-मंडल में मुर्गे-मुर्गी के मीट की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है।
केरल के वन्यजीव, पशुपालन और वन मंत्री के. राजू ने कहा कि कोट्टायम और अलाप्पुझा में बर्ड फ्लू की जानकारी मिली थी और वहां 12,000 बत्तखों की मौत हो गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उन क्षेत्रों में एक किलोमीटर के दायरे में ही सभी पक्षियों को रखें। इसमें सभी प्रकार के मुर्गे और सजावटी पक्षी शामिल होंगे। राजू ने कहा कि बीमारी के आगे प्रसार से बचने के लिए 36,000 पक्षियों को रोकना होगा।
वहीं भोपाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज ने पुष्टि की है कि राजस्थान के झालावाड़ में कौवों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है। सोमवार को ये आंकड़ा 522 तक पहुंच गया, जो अभी तक का सबसे ज्यादा है।
अधिकारिक जानकारी के मुताबिक, राज्य की राजधानी के अलावा, झालावाड़ में दो नए मामले सामने आए, जहां पहली बार कौवों की मौत देखी गई। कोटा में 12, बारां में 12 और बीकानेर में 11 मौतें हुईं। दौसा जिले में, छह मौतें दर्ज की गईं, जिसमें दो कौवे और चार बगुले शामिल हैं। इसके अलावा, जोधपुर में एक बगुले और चार कौवों की मौत की जानकारी मिली थी।