गांव सियालका में एक कबीर पंथी परिवार के दोनो दम्पति टांगो से विकलांग जो अपने परिवार का बड़ी मुश्किल से गुजारा कर रहे थे, लेकिन उन पर उस समय दुखों का पहाड़ गिर पड़ा, जब 12 वर्षीय बच्चे की पतंग लूटने समय छप्पड़ में छूबने से मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार पता चला है कि दिलजान भगत जो ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रहा था, रास्ते में उसको पतंग उड़ती नजर आई तो बच्चों पतंग के पीछे भागा और छप्पड़ के अंदर चला गया, छप्पड़ की सफाई न होने कारण जिसमें कीचड़ अधिक था, में डूब गया।
गौरतलब है कि बच्चे को छप्पड़ में जाते किसी ने नहीं देखा था, जब शाम तक बच्चा घर नहीं पहुंचा तो इसकी खबर गांव में आग की तरह फैल गई और गांववासियों द्वारा बच्चे की काफी खोज की गई और नजदीकी गई गांवों में अनाऊसमैंट करवाई गई और देर रात तक लोग बच्चे को तलाश करते रहे, लेकिन बच्चे का कहीं पता न लग सका, जब सुबह किसी व्यक्ति को बच्चे के कंधों पर पड़ी स्कूल किट्ट दिखाई दी।
इसको गांव में युवकों की मदद से छप्पड़ में सीढ़िया रखकर मृतक बच्चे को बाहर निकाला, जिससे गांव में शौक की लहर फैल गई। जब छप्पड़ की सफाई न होने की सूरत में गांव के सरपंच सुखजिंद्र कौर से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन गांव को छप्पड़ों की सफाई के लिए ग्रांट जारी कर देता तो गांव में इस परिवार के साथ अनहोनी न होती।
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