चीन ने अपने वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कंपनियों को क्रिप्टो करेंसी लेन-देन से संबधित सेवाओं देने पर बैन लगा दिया है.साथ ही, निवेशकों को क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर चेतावनी दी है.
चीन ने क्रिप्टो प्रतिबंध के तहत कहा है कि बैंकों और ऑनलाइन भुगतान चैनलों सहित ऐसे संस्थानों को ग्राहकों को पंजीकरण, व्यापार, clearing and settlement, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कोई भी सेवा प्रदान नहीं करनी चाहिए.चीन की तीन इंडस्ट्री बॉडी ने एक संयुक्त में बयान में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें आसमान छू रही हैं और गिर गई हैं. इसमें सट्टा व्यापार तेजी से एक्टिव है. इससे आम लोगों की संपत्ति की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा है. साथ ही, यह सामान्य इकोनॉमिक और फाइनेंशियल नियमों को भी तोड़ कर रहा है.
चीन पहले भी उठा चुका है क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कदम
वैसे डिजिटल करेंसी के खिलाफ चीन का यह पहला कदम नहीं है. साल 2017 में चीन ने अपने लोकल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को बंद कर दिया था. ग्लोबल बिटक्वाइन ट्रेडिंग का लगभग 90 फिसदी सट्टा मार्केट इससे प्रभावित हुआ.जून 2019 में, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने एक बयान जारी कर कहा कि वह सभी घरेलू और विदेशी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और इनिशियल कॉइन ऑफरिंग वेबसाइटों तक पहुंच को रोकेगा. इसका उद्देश्य विदेशी एक्सचेंजों पर प्रतिबंध के साथ सभी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर रोक लगाना है.
व्यक्तिगत रूप से रख सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी
चीन ने क्रिप्टो एक्सचेंज और initial coin offerings को बैन किया है लेकिन व्यक्तिगत रूप से किसी व्यक्ति को क्रिप्टोकरेंसी से प्रतिबंधित नहीं किया है. कोई भी संस्थान क्रिप्टोकरेंसी की सर्विस और सेविंग नहीं दे सकते और ना ही क्रिप्टो करेंसी से संबंधित कोई फाइनेंशियल प्रोडक्ट इश्यू नहीं कर सकते हैं.