कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार वालों को शीघ्र आर्थिक मदद पहुंचाने का आदेश दिया है। इसके लिए सभी प्रवर मंडल वित्त व लेखाधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इससे रेलवे कर्मियों और उनके आश्रितों को काफी सहूलियत मिलेगी।
पिछले साल मार्च के बाद से ही कोरोना के कारण ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था। धीरे-धीरे ट्रेनें चलनी शुरू हो गईं। अभी भी बेहद कम संख्या में ट्रेन चलने के कारण रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब है। आर्थिक तंगी की आड़ में कारण रेल कर्मियों को रनिंग भत्ता, टीए, जैसे भुगतान अधिकारियों ने रोक दिए।
कोरोना संक्रमण या अन्य बीमारी या स्वाभाविक मौत होने पर आश्रितों को भुगतान तक नहीं किया जा रहा था। इसके तहत मृतक आश्रितों को मामूली भुगतान किया जा रहा था। इस मामले को लेकर रेलवे के ट्रेड यूनियन ने रेल मंत्री के सामने मुद्दा उठाया। रेलवे बोर्ड से पत्र जारी होने के बाद उत्तर रेलवे के मुख्य वित्त लेखा अधिकारी (एफएंडजी) ने 18 मई को पत्र जारी किया है।
इसमें सभी रेल मंडल व कारखाना के अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि कोरोना के कारण या आर्थिक तंगी बताकर रेलवे के कर्मचारी का किसी प्रकार का भत्ता, टीए व अन्य देय पर कटौती नहीं की जाएगी। कोरोना या अन्य कारण से मौत होने पर तत्काल मृतक आश्रितों के परिवार वालों को सभी प्रकार की बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवार वालों को शीघ्र आर्थिक मदद पहुंचाने का आदेश दिया है।
इसके लिए सभी प्रवर मंडल वित्त व लेखाधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रेलवे के रिकार्ड के अनुसार मुरादाबाद रेल मंडल में इस साल आठ रेलवे कर्मियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। हालांकि, स्थानीय अधिकारियों ने मृतक आश्रितों को भुगतान की फाइल पहले से चला रखी है। नरमू के मंडल मंत्री राजेश चौबे ने बताया कि ट्रेड यूनियन के शिकायत के बाद रेलवे बोर्ड ने अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी किया है। अब किसी भी कर्मचारी के किसी प्रकार के भुगतान में कटौती नहीं होगी।