जहां एक तरफ पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान पर है, वहीं दूसरी तरफ दूध के दाम भी बढ़ सकते हैं. यह आम आदमी के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकता है. दूध की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है.
दूध उत्पादकों ने मांग की है कि दूध के दाम 55 रुपये लीटर तक बढ़ा दिए जाएं क्योंकि महंगे पेट्रोल-डीजल की वजह से उनके आर्थिक हालात खराब हो गए हैं. वहीं, रतलाम के कुछ गांवों में उत्पादकों ने कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला किया है. रतलाम मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के मुताबिक, मंगलवार को 25 गांवों की एक बैठक हुई दूध के दाम बढ़ाए जाने पर सहमति बनी हैं. 1 मार्च से दूध के दाम बढ़ जाएंगे.
बता दें कि दूध उत्पादकों ने पिछले साल भी दूध के दाम बढ़ाने की मांग की थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दूध के दाम नहीं बढ़ाए गए थे. यही वजह है कि दूध उत्पादकों को आज भी उतने रुपये में दूध बेचना पड़ रहा है जितने में वो 2 साल पहले बेचते थे. बता दें कि फिलहाल मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में दूध 43 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. अब इसकी कीमत 12 रुपये बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर कर दी जाएगी.
कई शहरों में इस समय पेट्रोल के दाम 100 रुपए तक पहुंच गया है. ऐसे में दूध उत्पादकों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण दूध के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ गया है. इसके अलावा पशुओं के लिए चारा भी महंगा हो गया है. इसके कारण पशुपालन में दिक्कतें आ रही हैं. अगर दूध की कीमतें नहीं बढ़ाई गईं तो वे लोग हड़ताल कर देंगे और दूध की सप्लाई रोक देंगे.