भारत और चीन के बीच रिश्ते सही नहीं चल रहे हैं। पिछले साल चीनी सेना की ओर से उत्तरी मोर्चे पर दिखाई गई आक्रामकता के बाद तो दोनों देशों में ज्यादा तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ा टकराव हुआ था, जिसमें दोनों ओर के सैनिकों का नुकसान हुआ था। एक साल से अधिक समय बाद, अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पूर्वी लद्दाख सेक्टर के पास गहराई वाले अपने इलाकों में अभ्यास कर रही है।
भारतीय सेना की ओर से भी पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों में अग्रिम स्थानों पर गर्मियों में सैनिकों की अच्छी खासी तैनाती की गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हाल में अग्रिम इलाकों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और वे वहां की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।
पिछले साल भी वे अभ्यास की आड़ में खुसे
भारतीय सशस्त्र बल भी इस साल COVID-19 महामारी के बावजूद पूरी तरह से सतर्क हैं और वहां चीनी सेना की इन सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सूत्रों ने एएनआइ को बताया, ‘चीनी इन क्षेत्रों में कई वर्षों से आ रहे हैं जहां वे गर्मी के समय में अपना अभ्यास करते हैं। पिछले साल भी वे अभ्यास की आड़ में इन क्षेत्रों में आए थे और यहां से आक्रामक तरीके से पूर्वी लद्दाख की ओर पहुंच गए थे।’
अभी भी इन इलाकों में तनाव बरकरार
सूत्रों ने कहा कि विकास महत्वपूर्ण है क्योंकि गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो के दक्षिणी और उत्तरी किनारों से दोनों पक्ष पीछे हट गए हैं लेकिन पूर्वी लद्दाख की कम से कम चार जगहों पर गतिरोध और तनाव बना हुआ है। इनमें देपसांग के मैदान, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेमचोक हैं।
भारत की पैनी नजर
भारतीय सेना की ओर से भी पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों में अग्रिम स्थानों पर गर्मियों में सैनिकों की अच्छी खासी तैनाती की गई है। सूत्रों ने बताया कि मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हाल में अग्रिम इलाकों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है और वे वहां की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।