दिल्ली में संघर्ष करने के बाद चुनाव लड़ने मैदान में उतरे संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) की अभी रजिस्ट्रेशन नहीं हुई है। जबकि वह अपनी पार्टी से 102 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार चुके हैं। पार्टी के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल को शुक्रवार को पूरी उम्मीद थी कि चुनाव चिन्ह मिल जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ है। इस कारण उम्मीदवारों की चिंताएं बढ़ गई है
शुक्रवार को पूरा दिन इसके लिए चुनाव आयोग के कार्यालय में राजेवाल के उम्मीदवार जद्दोजहद करते रहे हैं, मगर ऐसा संभव नहीं हो पाया है। महलकलां से उम्मीदवार एडवोकेट जसपाल सिंह खेड़ी कहते हैं कि मोर्चा ने पहले तो टिकट देने में ही देरी की है।
अगर SSM की रजिस्ट्रेशन नहीं होती है और उन्हें चुनाव चिन्ह नहीं मिलता है तो इनके सभी उम्मीदवारों को आजाद उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव मैदान में उतरना होगा। फिर चुनाव आयोग की तरफ से अपने तौर पर हर उम्मीदवार को अलग चुनाव चिन्ह दिया जाएगा। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि मोर्चा को अपनी पहचान बनानी मुश्किल होगी और इससे वोट भी कम हो सकते हैं। जिस कारण सभी नेता ज्यादा परेशान हैं।
मोर्चा के सभी साथी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्हें प्रचार के लिए समय कम मिला है। अब चुनाव चिन्ह नहीं है। इससे समस्या तो है, लेकिन हम इससे पीछे रहने वाले नहीं हैं, आयोग को कोई तो चुनाव चिन्ह देना ही पड़ेगा। मोगा से चुनाव लड़ रहे नवदीप संघा का कहना है कि कुछ रिवायती पार्टियां हैं जो नहीं चाहतीं कि हम चुनाव मैदान में आएं, हमें परेशान करने के तरीके ढूंढे जा रहे हैं। मोर्चा को इस पर फैसला जल्द लेना चाहिए।
बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमें चुनाव में आने से रोकने के लिए कई ताकतों का जोर लगा हुआ है। हम तो समाज में सुधार के लिए चुनाव में उतरे हैं। हमारा राजनीतिक फायदा कुछ भी नहीं है। कुछ पार्टियों को अपनी सत्ता जाती दिख रही है तो वही जानबूझकर समस्या खड़ी कर रही हैं। चुनाव चिन्ह तो आयोग को देना ही पड़ेगा। इसके लिए हमारे वकील प्रयास कर रहे हैं।
SSM ने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने से पहले निवेदन मांगे गए थे। SSM के पास 2373 निवेदन आए थे और इनमें से 102 को चुनाव मैदान में उतार दिया गयसा है। मोर्चा की तरफ से अभी पंद्रह और उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे जाने हैं। इसके लिए भी जद्दोजहद चल रही है। स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य मनजीत सिंह कहते हैं कि अभी हमें चुनाव चिन्ह नहीं मिला है। इसके लिए प्रयास जारी हैं। हम पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं तो छोटी मोटी समस्या आनी स्वभाविक थी।
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