गुजरात एक साथ दो प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। यहां सोमवार को कुछ इलाकों में तूफान से पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए। सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सुबह 3.37 बजे इन झटकों ने लोगों को दहशत में ला दिया। भूकंप राजकोट के दक्षिणी इलाके, जूनागढ़ जिले के दीव, सोमनाथ जिले के कुुछ हिस्सों में आया। इसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई।
सरकार किया ऑरेंज अलर्ट जारी
इधर, ‘ताऊ ते’ तूफान के खतरे को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी कर लोगों से दो दिनों तक अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया है। तूफान मंगलवार सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इस दौरान तूफान की गति 185 Km प्रतिघंटे तक हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा।
द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
गुजरात में 19 साल पहले भूकंप ने तबाही मचाई थी
गुजरात में 26 जनवरी 2001 को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। भुज और कच्छ में इस दौरान भारी तबाही हुई थी। 10 हजार लोग इस भूकंप के कारण मारे गए थे। 2 हजार शव तो 26 जनवरी को ही निकाले गए थे। इनमें भुज के एक स्कूल के 400 बच्चे भी शामिल थे। अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा था। इसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई थी|
गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ की बैठक
गृहमंत्री अमित शाह ने तूफान की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपानी के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। सरकार ने थल सेना, नौसेना और वायु सेना को भी स्टैंड-बाय पर रहने का निर्देश दिया है।