जम्मू-कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टोकरंसी का सहारा लिया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान आतंकियों तक आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहा है.
डिजिटल करंसी के जरिए हथियार और विस्फोटक की कर रहे खरीद-फरोख्त
आतंकी डिजिटल करंसी के जरिए अब हथियार और विस्फोटक सामग्री की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. जानकारी मिली है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी घाटी में हथियारों के सप्लायर से संपर्क साधते हैं. इसके बाद वे नगदी को बिटकॉइन में बदलकर सीक्रेट कोड के जरिए रकम सप्लायर तक पुहंचाते हैं. रुपयों के लेनदेन के बाद आतंकियों को हथियार सप्लाई किए जाते हैं.
क्रिप्टोकरंसी के जरिए लेनदेन का पता करना बेहद मुश्किल, उठा रहे फायदा
क्रिप्टोकरंसी के जरिए किए गए लेनदेन का पता करना बेहद मुश्किल है. आतंकवादी इसी बात का फायदा उठाते हैं और आर्थिक लेनदेन की खबर सुरक्षा एजेंसियों को नहीं लग पाती. खास बात है कि डिजिटल करंसी की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं. ऐसे में कई बार जरूरत से ज्यादा पैसा भी नई कीमतों के आधार पर हथियार के सप्लायर तक पहुंच जाता है. इसके चलते हथियार देने के बाद अतिरिक्त रकम को नगदी के रूप में आतंकियों तक पहुंचाया जाता है.