पंजाब के शहरों में ट्रैफिक का बोझ बढ़ गया है। खासकर बड़े शहरों में सुबह और शाम जाम लगना आम बात हो गई है। इसी बात को ध्यान में रखकर मेट्रो चलाने का प्लॉन तैयार किया गया है।
सरकार ने इस संबंध में राइट्स एजेंसी से एक सर्वे करने का फैसला किया है। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट हकीकत में बदल जाएगा। यह बात पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने एक निजी कार्यक्रम के दौरान कही।
पंजाब के शहरों में ट्रैफिक का बोझ बढ़ गया है। खासकर बड़े शहरों में सुबह और शाम जाम लगना आम बात हो गई है। इसी बात को ध्यान में रखकर मेट्रो चलाने का प्लॉन तैयार किया गया है। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने अपने विभाग से जल्द से जल्द सर्वे कराने को कहा है, ताकि इन घनी आबादी वाले शहरों में मेट्रो की व्यावहारिकता की जांच हो सके।
राइट्स के अध्ययन के बाद परियोजना पर तुरंत काम करेंगे। राइट्स एजेंसी हवाई अड्डों, बंदरगाहों, राजमार्गों और शहरी नियोजन सहित अन्य बुनियादी ढांचे के लिए परामर्श सेवाओं के अलावा ऑपरेटरों को रेल परिवहन प्रबंधन में परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि शहरों के बाहरी इलाकों की सड़कों के सिस्टम को नेशनल हाईवे अथॉरिटी अपग्रेड कर रही है, वहीं अंदरूनी सिस्टम को सुधारने के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है। अच्छी कनेक्टिविटी किसी भी इलाके की प्रगति में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि सरकार की कोशिश लोगों को अच्छी सुविधाएं मुहैया करवाना है। इसके लिए ही सारी कोशिश की जाएगी।
एजेंसी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में चंडीगढ़ में मेट्रो चलाने का सुझाव दिया था। राइट्स ने ट्राइसिटी में दो चरणों में 64 किमी के नेटवर्क में मेट्रो चलाने की बात कही है। पहले चरण में सिर्फ चंडीगढ़ और दूसरे चरण में मोहाली व पंचकूला को भी साथ जोड़ने की बात कही गई है।
पहले चरण के तहत चंडीगढ़ में तीन कॉरिडोर के साथ 44.8 किमी के क्षेत्र में मेट्रो चलाई जानी चाहिए, जिसमें 16 किमी के क्षेत्र में भूमिगत जबकि 28.8 किमी के क्षेत्र में मेट्रो एलिवेटेड होगी। इसी तरह दूसरे चरण में मोहाली के 13 किमी के क्षेत्र में मेट्रो लाइन आगे बढ़ाने की बात की गई है जबकि पंचकूला में 6.5 किमी के क्षेत्र में मेट्रो चलाने की सिफारिश की गई है जो पूरी तरह से एलिवेटेड होगी।