विभागाध्यक्ष प्रो. सुखप्रीत सिंह ने कहा कि टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ और विद्यार्थी प्रयोगशाला में सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। सभी सावधानियां बरती जाती हैं लेकिन दुर्घटना कभी भी हो सकती है। अचानक हुई इस दुर्घटना के लिए किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
अमृतसर स्थित गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में शुक्रवार को धमाका हो गया। धमाके के कारण विभाग में पढ़ाई कर रहे छात्रों में अफरा-तफरी मच गई।
बताया जा रहा है कि एमएससी फाइनल की एक छात्रा जार में अन्य उपकरणों के साथ प्रयोग कर रही थी। तभी जार टूटने से धमाका हो गया। इसकी पुष्टि विभागाध्यक्ष प्रो. सुखप्रीत सिंह ने भी की। धमाके के समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब भवन स्थित संगोष्ठी हॉल में विशेष संगोष्ठी में विभाग के अधिकतर छात्र उपस्थित थे।
विभागाध्यक्ष प्रो. सुखप्रीत सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार विस्फोट के कारण छात्रा के चेहरे और आंखों पर रसायनों का मिश्रण गिरा। लहीं कांच लगने से वह घायल हो गई। अब छात्रा की हाल में सुधार है। इस दौरान लैब में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि अन्य कोई नुकसान नहीं हुआ है।
जीएनडीयू प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई और पीड़िता को फौरन एक निजी अस्पताल पहुंचाया। छात्र की हालत खतरे से बाहर है। उल्लेखनीय है कि जीएनडीयू की प्रयोगशाला में विस्फोट की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले दवा विभाग में भी ऐसे विस्फोट के दौरान बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ था।