JALANDHAR UPDATE : लूटेरों की गोली से घायल हुए सचिन जैन की मौत, किसी निजी अस्पताल ने नहीं किया था दाखिल

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दर्दनाक पहलू : कई अस्पताल घूमने के बावजूद सचिन जैन को इलाज नहीं मिला
मंगलवार सुबह तड़के 4:00 बजे उसकी मौत हो गई

पठानकोट चौक के पास हुई हत्या का मामला अभी सुलझा नहीं था कि सोढल चौक के पास एक बड़ी घटना हो गई। सोढल फाटक के पास स्थित जैन करियाना स्टोर मालिक को सोमवार देर रात लुटेरों ने गोली मार दी। सवा नौ बजे हुए इस हादसे में सचिन जैन बुरी तरह घायल हो गए। गोली उनकी छाती के बाएं तरफ लगी। दर्दनाक पहलू यह रहा कि कई अस्पताल घूमने के बावजूद सचिन जैन को इलाज नहीं मिला और मंगलवार सुबह तड़के 4:00 बजे उसकी मौत हो गई।

सचिन को 4 बार अलग-अलग अस्पताल ले जाना पड़ा। किसी भी अस्पताल में उसे दाखिल नहीं किया गया। आखिरकार उसे पटेल अस्पताल में ले जाया गया। उसके पेट में गोली नहीं निकाली जा सकी और ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हो गई। अब उसका शव सिविल अस्पताल में ले जाया जाएगा, जहां उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। यदि किसी भी अस्पताल ने समय रहते उसके पेट पर गोली निकाली होती तो उसकी जिंदगी बच सकती थी।

हुआ क्या था ?

सोमवार रात जैन किराना स्टोर रात करीब 9:15 बजे बाइक पर चार युवक आए। दो युवक दुकान के अंदर गए और सामान लेने के बहाने सचिन को लूटने का प्रयास किया। सचिन ने विरोध किया तो उसे गोली मारकर वहां से फरार हो गए। लुटेरे वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरा में कैद हो चुके हैं। घायल सचिन को उसका पड़ोसी दुकानदार विक्की अस्पताल ले गया, लेकिन चार-पांच अस्पताल में घूमने के बावजूद उसे दाखिल नहीं किया गया। ज्यादा खून बह जाने से उसकी मौत हो गई।

गोली मारने वाले लूट की नीयत से आए थे। घायल के परिजनों ने बताया कि जब घायल सचिन को अस्पताल लाया गया तो उसने बताया था कि दो युवकों ने दुकान में आते ही उससे कुछ सामान मांगा। इसी बीच एक युवक ने पिस्तौल निकाली और पैसे लूटने का प्रयास किया। उसने विरोध किया तो उसे गोली मार दी।

डीसीपी गुरमीत सिंह का कहना है कि आरोपितों की पहचान करवाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

एक के बाद एक कई अस्पताल बदलने पड़े, किसी ने दाखिल नहीं किया

विक्की ने बताया कि जब वह घायल सचिन को लेकर टैगोर अस्पताल गया तो वहां से उसे सत्यम अस्पताल ले जाने को कहा गया। जब सत्यम गया तो वहां से जोशी में रेफर कर दिया गया। जोशी अस्पताल से अरमान अस्पताल में जाने के लिए कहा गया। इसके बाद वे घायल को लेकर सिविल अस्पताल पहुंच गए, वहां से रेफर करने के बाद एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवा दिया गया।