किसानों ने एक बार फिर से केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आज जालंधर में अलग-अलग जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि अपने-अपने किसान कार्यकर्ताओं को साथ लेकर कैंट रेलवे स्टेशन पर धरना देंगे। किसान कैंट रेलवे स्टेशन पर लाइनों पर बैठकर विरोध जताएंगे। किसान करीब 4 घंटे तक रेल यातायात जाम रखेंगे।
किसानों का कहना है कि जब उन्होंने दिल्ली में अपना आंदोलन खत्म किया था तो केंद्र सरकार के समक्ष कुछ शर्तों को रखा था। केंद्र सरकार ने उस वक्त आंदोलन खत्म करवाने के लिए तो सारी शर्तें मान लीं, लेकिन अब मोदी सरकार वादाखिलाफी पर उतर आई है। केंद्र सरकार से जिन शर्तों पर समझौता हुआ था, अब उनसे पीछे हट रही है।
किसानों को सबसे बड़ा मलाल MSP के लिए बनाई गई कमेटी में पंजाब से कोई भी प्रतिनिधि न लेने पर है। किसानों का कहना है कि इतना बड़ा किसानी सूबा और उसमें से एक भी प्रतिनिधि को न लेना केंद्र सरकार की नियत और नीति पर सवाल खड़े करता है। किसानों को दूसरा मलाल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गाड़ी के मारे गए किसानों को न्याय न मिलने का है।
किसानों का कहना है कि क़ातिल सरकार की शरण लिए हुए खुलेआम घूम रहे हैं। कातिलों को केंद्र औऱ राज्य दोनों सरकारों की पूरी शह मिली हुई है। अभी तक क़ातिल के बाप को मंत्री पद से नहीं निकाला गया है। किसानों के कहना है कि किसानों की हत्या को 9 माह से ऊपर का समय गुजर चुका है, लेकिन अभी कर सरकार उन्हें न्याय नहीं दिला पाई है।