रात को एक एंबुलेंस ड्राइवर कैंसर रोगी को सड़क किनारे तड़पता छोड़ गया।रात को एक एंबुलेंस ड्राइवर कैंसर रोगी को सड़क किनारे तड़पता छोड़ गया। करीब 20 मिनट तक मरीज सड़क पर ही तड़पता रहा। मौके पर वहां से गुजर रही पुलिस टीम ने उसे देखा और परिजनों से संपर्क कर रिश्तेदारों को बुलाया। मरीज का बेटा दूसरी गाड़ी लेकर आया और पिता को इलाज के लिए अमृतसर ले गया।
फगवाड़ा निवासी नवदीप ने बताया कि उनके पिता सतनाम सिंह को कूल्हे का कैंसर है। उन्हें इलाज के लिए जालंधर के न्यू रूबी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। हालत गंभीर होने पर श्रीमन अस्पताल लेकर जाने की सलाह दी गई थी।
इस दौरान उसका छोटा भाई श्रीमन अस्पताल में बेड खाली होने व पिता को दाखिल करने की बात करने गया। इसी बीच अस्पताल संचालकों ने एंबुलेंस बुलाकर उनके पिता सतनाम सिंह को रेफर कर दिया।
पैसे न देने के कारण एम्बुलेंस ने सड़क पर ही छोड़ दिया
उन्होंने आरोप लगाया कि एंबुलेंस वाला उनके पिता को बिठाकर लाया और फिर रात को करीब 10 बजे नामदेव चौक के पास सड़क पर ही छोड़ गया। उसने एंबुलेंस के 900 रुपये भी मांगे। उस वक्त उनके पिता के पास पैसे नहीं थे तो वो बिना किसी आसरे वहीं छोड़ चला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि एंबुलेंस वाले को किसी मंहगी सवारी को ले जाने का फोन आया होगा, उसी कारण पिता को अस्पताल छोडऩे के बजाय वह रोड पर ही छोड़कर भाग निकला।