MOGA
SANJEEV ARORA
लोगों में इस वायरस को लेकर इस कदर खौफ समा गया है कि वो किसी बीमार शख्स की मदद करने से भी डर रहे हैं. कुछ ऐसा ही हुआ पंजाब के मोगा में जहां एक गर्भवती महिला को अचानक लेबर पेन ( बच्चे के पैदा होने से पहले का दर्द) होने लगा. महिला के परिजनों ने पड़ोसियों से मदद मांगी लेकिन कोरोना के डर से किसी ने उसकी मदद नहीं की. इतना ही नहीं महिला के परिजनों ने तीन स्थानीय अस्पतालों के भी चक्कर काटे लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
जब गर्भवती महिला के परिजन लॉकडाउन के दौरान ही महिला को किसी दूसरे अस्पताल ले जा रहे थे उसी वक्त रास्ते में पेट्रोलिंग करने वाले पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी रोकी. महिला के परिजनों ने दोनों पुलिसकर्मियों को पूरी बात बताई तो उनका दिल पसीज गया. इसी दौरान महिला का दर्द और बढ़ गया. अस्पताल तक पहुंचने का समय नहीं होने के कारण दोनों पुलिसकर्मियों ने रास्ते में ही एक जगह गाड़ी रोककर महिला के बच्चे की डिलीवरी करवाने का फैसला किया.
दोनों पुलिसकर्मियों ने सड़क पर स्ट्रीट लाइट के नीचे बेंच और चादर की दीवार बनाई और डिलीवरी करवाने के लिए एक स्थानीय प्रशिक्षित महिला को बुलवाया. गर्भवती महिला ज्योति ने वहीं सड़क पर पुलिसवालों की देखभाल में एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया जिसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों और परिजनों ने राहत की सांस ली. बच्चे के जन्म के बाद ज्योति की रिश्तेदार बीबो रानी ने दोनों पुलिसकर्मियों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि जब किसी अस्पताल और पड़ोसी ने मदद नहीं कि तो ये दोनों पुलिसकर्मी हमारे लिए मसीहा बनकर आए.
दोनों पुलिसकर्मियों के इस काम पर मोगा के एसपी ने भी खुशी जताई और कहा कि वो दोनों को सम्मानित करने और इनाम दिलाने के लिए पुलिस विभाग को पत्र लिखेंगे.
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